भमि : अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ दोमट या बलुई दोमट भूमि जिसका पी.एच. मान 6.5 से 7.0 हो।
जलवायु (मौसम) : अच्छे उत्पादन के लिए 25 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त।
प्रजाति (किस्म): शक्तिमान, एन.एस.-2535 तथ अभिनव (अगेती तैयार होने वाली किस्में, 3-4 फुट ऊँचाई वाले पौधे) नवीन-2000 तथा हिमसोना (देर से तैयार होने वाली किस्में, 5-7 फुट ऊँचाई वाले पौधे)।
पौध की तैयारी : पौधशाला में बुवाई का समय 5 जनवरी से 20 जनवरी तक, बीज की बुवाई के लिए पॉलीबैग्स से 70 प्रतिशत मिट्टी (छनी हुई) एवं 30 प्रतिशत गोबर की खाद भरने के बाद प्रत्येक पॉलीबैग में 2 बीजों की बुवाई करें। बुवाई के उपरान्त उपयुक्त नमी बनाये रखने के लिए हजारे से हल्की सिंचाई के बाद पॉलीबैग्स को 3 इंच मोटी पुआल की पर्त से ढकें और 6 से 7 दिन बाद अंकुरण होने पर पुआल हटायें। पर्याप्त नहीं बनाये रखने के लिए हजारे से सिंचाई करें। लगभग 30-35 दिन पुरानी पौध (लगभग 10 इंच ऊँची) रोपाई योग्य होती है।
पौध की रोपाई : पौध की रोपाई मेड़ों पर, मेड़ बनाने से पूर्व खेत में एन.पी.के. 100 किग्रा. तथा यूरिया 50 किग्रा. प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें। खेत में उर्वरक मिलाने के बाद 1-1 मीटर की दूरी पर 30 सेमी. मोटी मेडे़ं बनाये और पौध पौध की रोपाई इन्हीं मेड़ों पर 50 सेमी. की दूरी पर करें (8000 पौध प्रति एकड़), पौध रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें। सिंचाई, निराई, गुड़ाई एवं उर्वरक उपयोग : सम्पूर्ण फसल अवस्था में 7-8 दिन के अन्तराल पर 10-11 सिंचाई करें। खेत को खरपतवारों से मुक्त रखें। रोपाई के 25 दिन पश्चात निराई-गुड़ाई करें और इसी समय उर्वरकों की शेष मात्रा (एन.पी.के. 100 किग्रा. तथा यूरिया 50 किग्रा. प्रति एकड़) मिलाकर पुनः मेड़ पर मिट्टी चढ़ायें।
सहारा देना : टमाटर की फसल से अधिकाधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए पौधों को सहारा देना अत्यन्त आवश्यक है। पौध रोपाई के पहले बनी मेड़ों पर 15-15 फिट की दूरी पर 8-8 फिट लम्बें बाँस के टुकड़ों को भूमि में गाडें़। इस बाँस में भूमि की सतह से 3 फिर ऊपर ड्रिल मशीन की सहायता से सुराख करके 14 मिमी. मोटाई का जी.आई. तार डालकर दोनों किनारों पर गडे़ खूंटों से बाँधकर खींचें। इसी तार के सहारे टमाटर की लताओं/बेलों को सुतली से बाँधें। यही प्रक्रिया आवश्यकतानुसार 6-7 फिट की ऊँचाई तक करते हैं जिससे टमाटर के पौधों की ऊँचाई 6-7 फिट तक हो जाती है।
फसल सुरक्षा : टमाटर की रोपाई के 20 दिन बाद मैंकोजेब (2.0 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी) व न्यूरल डी (एक मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी) मिलाकर प्रथम छिड़काव करें।
पैदावार : पौध रोपाई के 65-70 दिन बाद फल पकने प्रारम्भ हो जाते हैं और सम्पूर्ण फसल 1 माह में 8’10 बार फलों की तुड़ाई करने के बाद समाप्त हो जाती है। पैदावार 450 कुंतल प्रति एकड़।
उत्पादन लागत विवरण : 2017 :
मद | व्यय (रू. प्रति एकड़) |
---|---|
खेत की तैयारी | 3000/- |
बीज एवं नर्सरी | 11000/- |
खाद एवं उर्वरक | 6000/- |
सिंचाई | 8000/- |
फसल सुरक्षा | 10000/- |
बाँस, तार, सुतली | 17000/- |
मजदूरी | 25000/- |
अन्य व्यय | 10000/- |
कुल | 90000/- |
आय-व्यय:
उत्पादन लागत | कुल आय | विक्रय दर | शुद्ध लाभ |
---|---|---|---|
रू. 90,000/- प्रति एकड़ | रू. 4,50,000/- प्रति एकड़ | रू. 12000/- प्रति कुन्टल | रू. 4,50,000/- प्रति एकड़ |
ध्यान दें : यह बाजार पर घट एवं बढ़ भी सकता है ।
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Land : Good drainage fertile dome or sandalwood soil
pH : 6.5 – 7.5
Whether : Temperature – 25 degree to 40 degree
Dung manure : 120 quintal per acre
Plantation : February
Number of plant in an acre : 8000
Distance : Line to Line 4 ft and Plant to Plant 1.5ft
Weeding, Irrigation : Always weed free and normal irrigation
Plant support : Use Bamboo
Production : 450 quintal / acre
Production Expenditure Details 2017 :
Item | Expenditure(per acre) |
---|---|
Land Preparation | 3000/- |
Plant | 11000/- |
ertilizer | 6000/- |
Irrigation | 8000/- |
Crop Protection | 10000/- |
Bamboo, Sutli, Wire | 17000/- |
Labour | 25000/- |
Other | 10000/- |
Total | 90000/- |
Income and Expenses:
Production Cost | Total Sale | Sale Rate | Net Profit |
---|---|---|---|
Rs. 90,000/- per acre | Rs. 4,50,000/- per acre | Rs. 12000/- per quintal | Rs. 4,50,000/- per acre |
Note : This calculation is average it can increase or decrease by market
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जायद में संकर टमाटर की खेती